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थारक भात सेरायल वर रूसल / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

थारक भात सेरायल वर रूसल
गौरी गेली उठाबऽ करहु हर भोजन
आँख गुरड़ि वर ताकल गौरी के डांटल
आनु गऽ आंक धतुर करब हम भोजन
भनहि विद्यापति गाओल फल पाओल
धन गौरी के भाग, बताह बड़ पाओल