Last modified on 27 दिसम्बर 2010, at 02:27

थारै ताण / सांवर दइया

एक रुत हुवै
सोरम भरै मन में

मन में तूं हुवै
तो पछै तूं ई है कांई
आ रुत

मुळकै फूल
पाकै पळ
बाजै पत्ता
आळस मरोड़ै बेलां
लखावै
चौफेर एक संगीत
तूं हुवै जणा मन में

थारै बिना
ईं होणै रो अरथ कांईं
तूं ई बता

लै जाण
है थारै ताण
रुत रा रंग रूड़ा !