भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दधि मथत जसोदा झूमि झूमि / बघेली

Kavita Kosh से
Dhirendra Asthana (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:15, 19 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
लालन को मुंख चूमि चूमि
दधि मथत जसोदा झूमि झूमि
रितु ललित बसन्ती आवैं लगी
रितु ललित बसन्ती आवैं
ये हरे पात पियराय लगे
रितु ललित बसन्ती आवैं लगी
रितु ललित बसन्ती