बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दरश की तो बेरा भई हो
अरे बेरा भई महराज हो
दरस की तौ
दरस की तौ बेरा भई हो
और पट खोलो भैरोंनाथ हो
दरस की तो बेरा भई
दरश की तो बेरा भई हो
अरे बेरा भई महराज हो
दरस की तौ
दरस की तौ बेरा भई हो
और पट खोलो भैरोंनाथ हो
दरस की तो बेरा भई