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"दरार / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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ख़त्म हुआ ईंटों के जोड़ों का तनाव
 
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प्लास्टर पर उभर आई हल्की-सी मुस्कान
 
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दौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जल
 
दौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जल
 
 
फूटने लगे अंकुर
 
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जहाँ था तनाव वहाँ
 
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होने लगा उत्सव
 
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हँसी
 
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हँसते-हँसते दोहरी हुई जाती है दीवार।
 
हँसते-हँसते दोहरी हुई जाती है दीवार।
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11:46, 5 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

ख़त्म हुआ ईंटों के जोड़ों का तनाव
प्लास्टर पर उभर आई हल्की-सी मुस्कान
दौड़ी-दौड़ी चीटियाँ ले आईं अपना अन्न-जल
फूटने लगे अंकुर
जहाँ था तनाव वहाँ
होने लगा उत्सव
हँसी
हँसी

हँसते-हँसते दोहरी हुई जाती है दीवार।