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दर्द ये दिल का हमें तंग किए रहता है / रिंकी सिंह 'साहिबा'
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दर्द ये दिल का हमें तंग किए रहता है,
कोई ख़ुश्बू की तरह संग किए रहता है।
हाय क्या खूब मुसव्विर है वो ऊपर वाला,
फूल पत्तों पे कई रंग किए रहता है।
प्यार से उसने बनाई है ये प्यारी दुनिया,
क्यों ये इंसान मगर जंग किए रहता है।
जिसकी आहट से रग ए जाँ पे धमक होती है,
दिल की धड़कन को वही चंग किए रहता है।
उसके आने से शब ओ रोज़ महक उठते हैं,
सारे आलम को वो खुशरंग किए रहता है।
रंग है, नूर है, अफशां हैं चरागां सारे,
वो तसव्वुर को भी गुलरंग किए रहता है।
छेड़ देता है वो जो साज़ ए मुहब्बत 'रिंकी',
गीत, ग़ज़लों में नए रंग किए रहता है।