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दादाजी का डंडा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

दादाजी से झगड़ रहा था,
उस दिन टंटू पंडा।
मुरगी पहले आई दादा,
या फिर पहले अंडा।

दादा बोले व्यर्थ बात पर,
क्यों बकबक का फंडा।
काम धाम कुछ ना करता तू,
आवारा मुस्तंडा।

इतना कहकर दादा दौड़े,
लेकर मोटा डंडा।
'इससे पूछो 'मुरगी आई,
या फिर‌ पहले अंडा।