Last modified on 21 जनवरी 2015, at 16:29

दिया-बत्ती हुओ रे मिलाप बय लड़ी सांजुली / निमाड़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दिया-बत्ती हुओ रे मिलाप, बय लड़ी सांजुली।।
गौआ-बछुआ हुओ रे मिलाप, बय लड़ी सांजुली।।
पंछी-बच्चा हुओ रे मिलाप, बय लड़ी सांजुली।।
रात-दिन हुओ रे मिलाप, बय लड़ी सांजुली।।
राजा-रानी हुओ रे मिलाप, बय लड़ी सांजुली।।