Last modified on 19 दिसम्बर 2011, at 13:41

दिल को बहलाना न आया / शिवदीन राम जोशी

Kailash Pareek (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:41, 19 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी {{KKCatGhazal}} <poem> दिल को ब...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

{{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी

दिल को बहलाना न आया दिल ना बहलाया गया।
दिल की दिलवर दिल ही जाने दर्द खाया ना गया।।
लाखों उठाये दर्द हम बेदर्द के हमदर्द बन।
तुम ही कह दो प्रेम प्रीतम मैं सताया ना गया।।
और जख्मों से कलेजे दर्द बढता ही रहा।
इसलिए महाराज दर्दे दिल दबाया ना गया।।
जिन्दगी इन्सान की आबाद करना है तुम्हें।
आबाद के गाने बनाकर गीत गाया ना गया।।
गाने बनाये अनगिनत तुमको सुनाने के लिये।
शिवदीन सदमों से बराबर ही सुनाया ना गया।।