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"दिवस शरद के / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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मुग्ध कमल की तरह
 
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:::पाँखुरी-पलकें खोले,
 
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कन्धों पर अलियों की व्याकुल
 
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:::::अलकें तोले,
 
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तरल ताल से
 
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दिवस शरद के पास बुलाते
 
दिवस शरद के पास बुलाते
 
 
::मेरे सपने में रस पीने की
 
::मेरे सपने में रस पीने की
 
 
::::प्यास जगाते !
 
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01:15, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

मुग्ध कमल की तरह
पाँखुरी-पलकें खोले,
कन्धों पर अलियों की व्याकुल
अलकें तोले,
तरल ताल से
दिवस शरद के पास बुलाते
मेरे सपने में रस पीने की
प्यास जगाते !