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दुनिया को बदलने के इरादे न रखा कर / प्रेमचंद सहजवाला


दुनिया को बदलने के इरादे न रखा कर
खामोश तू बस अपने ही रस्ते पे चला कर

कागज़ पे शबो रोज़ भले सच को लिखा कर
ये किसने कहा जा के ज़माने से कहा कर