Last modified on 20 जून 2014, at 06:32

दुनिया दीखै / कुंदन माली

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ सिक्योड़ी
थोड़ी क’ काची

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ झूंठी
थोड़ी क’ सांची

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ छोटी
थोड़ी क’ मोटी

दुनिया दीखै
गोल-़गोल़ रोटी
थोड़ी क’ खरी
थोड़ी क’ खोटी

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ करड़ी
थोड़ी क’ झाली

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ ऊजल़ी
थोड़ी क’ काल़ी

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी क’ लाज
थोड़ी क’सरम

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
अणथाक मै’णत
थोड़ो क‘ करम

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
घणो जथारथ
थोड़ा क’भरम

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
मोटा-मोटा पेट
छोटा-छोटा हेत

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ा-थोड़ा रूसणा
थोड़ा-थोड़ा रतन

दुनिया दीखै
गोल़-गोल़ रोटी
थोड़ी-थोड़ी पगफेरौ
खांडा-बूचा जतन ।