भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दृश्य / लहब आसिफ अल-जुंडी / किरण अग्रवाल

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:22, 30 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लहब आसिफ अल-जुंडी |अनुवादक=किरण अ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक क्षण लें
देखें जितनी दूर तक आप देख सकते हैं
ब्रह्मांड
जीवन का सबकुछ
सारे सुख और दुःख
सारा कुछ जो वहाँ है
एक खींची हुई तस्वीर
एक तात्कालिक दृश्य
सम्पूर्ण का।

दूसरा क्षण लें
ध्यान केन्द्रित करें
छोटे से छोटे बिन्दु पर
नन्ही से नन्ही अनुभूति
एक पल
पक्ष विहीन
नहीं गहराई
न ही भार।

दोनों एक समान हैं
एक में शामिल है
सबकुछ
दूसरा
ले जाता है सब
बाहर की ओर।

एक नहीं हो सकता
दूसरे के बिना
एक मूर्छा
एक अकेली
धड़कन एक ही
दिल की।