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देखौ जे अच्छे दिन आ रये / महेश कटारे सुगम

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देखौ जे अच्छे दिन आ रये
सबरे गधा पंजीरी खा रये

मेंगाई तौ रुक नईं पा रई
अब नईं कोउ के मौ खुल पा रये

कां गई छप्पन इंची छाती
सीमा पै दुश्मन गर्रा रये

चीन-चीन कें रेवड़ी बँट रई
सब के सब पद खौं गिदया रये

जी के मौ में जो आ रऔ है
बस वौ राग अलापें जा रये

पैलें कै गए ताव-ताव में
अब का करें समझ नईं पा रये