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देख तुम्हारा वतन ओ बापू किस हद तक बर्बाद हुआ है / पल्लवी मिश्रा

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देख तुम्हारा वतन ओ बापू किस हद तक बर्बाद हुआ है,
इन्सानियत की कब्र पर जुल्मों का जहाँ आबाद हुआ है।

सत्य, अहिंसा और प्रेम का जो पाठ सिखाया था तूने,
देश के कर्णधारों को ही वह पाठ न अब तक याद हुआ है।

प्राण न्यौदावर कर तूने फिरंगियों को तो दूर भगाया,
पर आतंकवाद के साये से यह देश कहाँ आज़ाद हुआ है?

भ्रष्टाचार और बेईमानी की खड़ी हो रहीं नई मिसालें
लूट, कत्ल और अपहरण का ढंग नया ईजाद हुआ है।

देश पर मिटने वालों को ही मिटा रहे हैं देश के दुश्मन
कौन बचाए गुलशन को जब माली ही सैयाद हुआ है।