भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

देवी गीत-देबी दयाल भईं अंगन मोरे / अवधी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

देबी दयाल भईं अंगन मोरे होय निसरी
मईया के अँखियाँ आमे कै फकियाँ
भौहें कमान तनी अंगन मोरे होय निसरी
मईया कै दतवा अनारे कै दाना
जिभिया कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी
मईया कै गलवा में मुंडों की माला
हथवा कमल की कलि अंगन मोरे होय निसरी
मैया के हथवा में लौंगा कै डरिया
मोरे बेदिया पै धै निसरी अंगन मोरे होय निसरी