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देसगान / मुनेश्वर ‘शमन’

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गूँजइत रहय हवा में सुर ताल,
भारत के जयगान के।
जय हो देस महान के।
जय-जय हिन्दुस्तान के।

माथे मुकुट महान हिमालय।
उर पर दरिया के माला।
हरियर चुनरी तन पर, पाँव-
पखारय सागर मतवाला।
जन-जन के जियरा में बसय हे
महिमा एककर आन के।
जय-जय हिन्दुस्तान के।

देस अनोखा ई दुनिया में।
प्यार हियाँ पुजल जाहे।
धरती के पुजा साथे, नदी-
नार हियाँ पूजल जाहे।
अल्ला-इसवर-ईसा संगे
लोग पुजय मेहमान के।
जय-जय हिन्दुस्तान के।

हम सब फूल एहे बगिया के।
एकर मान बढ़इवय हम।
अप्पन महक बिखरे वतन के-
वेदी पर चढ़ जइबय हम।
आजादी के रच्छा खातिर।
देबई कीमत जान के।
जय-जय हिन्दुस्तान के।