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दोनों की आरज़ू में चमक बरकरार है / चित्रांश खरे

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दौनों की आरज़ू में चमक बरकरार है,
मैं इस तरफ हूँ और वो दरिया के पार है

दुनिया समझ रही है की उसने भुला दिया,
सच ये है उसे अब भी मेरा इंतज़ार है

शायद मुझे भी इश्क ने शादाब कर दिया,
मेरे दिलो दिमाग में हर पल खुमार है

क्यों मेने उसके प्यार में दुनियां उजाड़ ली,
इस बात से वो शख्स बहुत शर्मसार है

तूने अदा से देखकर मजबूर कर दिया,
तीरे निगाह दिल का मेरे आर पार है

दौलत से ज़रा सी भी मुहब्बत नहीं मुझे,
फिर भी मेरे नसीब में ये बेशुमार है