Last modified on 24 जुलाई 2018, at 22:58

दोय छाजां रै बिचाळै / राजेन्द्र जोशी

बां दोय हवेल्यां रै बिचाळै
बण्योड़ा छाजा, दोनूं नै जोड़ता
बां छाजां रै नीचै दिन काढै हा
ना बिरखा ही ना तावड़ो
बो हो डोकरै अर डोकरी रो आसरो।

राज री मसीन तोड़ दिया
बां छाजां नै आधा-पड़दा
फकत अेक ईज पूरो नीं हो बच्योड़ो
टिक्योड़ा है बै डोकरो-डोकरी।

कैय गिया जावता राज रा हिमायती
जोड़ लिया छाजा
म्हारै गियां पछै।