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दोष से या गुण से / जय गोस्वामी / रामशंकर द्विवेदी

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दैववश
इतने दिन बाद भेंट हुई

उसके बाद
आज भी किसके दोष से
कायम रही वही मिला-भेंटी ?

तुम्हारे अथवा मेरे,
किसके गुण से ।

इतना आनन्द विद्यमान है
तुम्हारी अक्षय आग में ?

मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी