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दोस्ती को मात मत कर दोस्ती के नाम पर / रविकांत अनमोल

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दोस्ती को मात मत कर दोस्ती के नाम पर
इस तरह की बात मत कर दोस्ती के नाम पर

गर भरोसा उठ गया है हाथ मेरा छोड़ दे
तल्ख़ यूँ जज़्बात मत कर दोस्ती के नाम पर

मुझपे पहले ही ज़माने भर के हैं एहसां बहुत
और एहसानात मत कर दोस्ती के नाम पर

मुझसे कोई बात कर अच्छी बुरी, खोटी ख़री
हाँ मगर कुछ बात मत कर दोस्ती के नाम पर

मैं बड़ी मुश्क़िल से जीता हूँ दिलों के खेल में
अब ये बाज़ी मात मत कर दोस्ती के नाम पर

मुझको मेरे हाल पर रहने दे ऐ मेरे हबीब
रहम की ख़ैरात मत कर दोस्ती के नाम पर

दोस्ती बदनाम हो जाए न दुनिया में कहीं
ऐसी वैसी बात मत कर दोस्ती के नाम पर

मुझसे रिश्ता तोड़ता है तोड ले तू हाँ मगर
आग की बरसात मत कर दोस्ती के नाम पर

दोस्ती एहसास है एहसास रहने दे इसे
बहस यूँ दिन रात मत कर दोस्ती के नाम पर