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और हवा हो गयी है दीवानी
या तो दोनों चिराग़ गुल होंगे
या करेंगे वो शो’ला-अफ़शानी१अफ़शानी<ref>अंगारे बरसाना </ref>फूँक डालेंगे तीरगी की मता’२मता’<ref>अन्धकार की सत्ता[सम्पत्ति]</ref>
पर मुझे एतिमाद है इन पर
दोनों बिजली के ख़ानदान से हैं
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१.अंगारे बरसाना २.अन्धकार की सत्ता[सम्पत्ति] {{KKMeaning}}
 </poem>