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दो डूंगर विच पाट / मालवी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दो डूंगर विच पाट
किण घर जास्या माता पामणा
जास्यां, जास्यां ईश्वरजी दरबार
रणू बाई देगा माता वेसणो
बेसन देस्यां भम्मरिया रा पाट
घूघरिया रा घाट ओढ़ा वस्यां
जीमण देस्यां दूध ने भात
खीर खांड गपरनी जिमाइस्यां