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दो भीगे शब्द / अनामिका अनु

तुम क्या
दे देते हो
जो कोई नहीं दे पाता

दो भीगे शब्द
जो मेरे सबसे शुष्क प्रश्नों का
उत्तर होते हैं ।

तुम मुझसे ले लेते हो
तन्हा लम्हें
और मैं महसूस करती हूँ
एक गुनगुनाती भीड़
ख़ुद के ख़ूब भीतर ।

मेरी पीड़ाओं पर
तुम्हारा स्पर्श
एक नई रासायनिक प्रतिक्रिया का
हेतु बनता है,

मेरी पीड़ाएँ
तुम्हारे स्पर्श में घुलकर
शहद हो जाती हैं,

मैं मीठा महसूस करती हूँ ।