Last modified on 12 अगस्त 2014, at 18:44

द्यूत या जुआ / मुंशी रहमान खान

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:44, 12 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुंशी रहमान खान |अनुवादक= |संग्रह= ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

द्यूत पाप का बाप है माता लालच जान।
बंश दंभ छल तस्‍करी झूठ कपट अभिमान।।
झूठ कपट अभिमान क्रोध मद घात लगाए।
राजा नल अरु धर्मराज अस पल महं रंक बनाए।।
कहैं रहमान सदा तुम बचियो द्यूत पुराना भूत।
भूत लगै ओझा हरै नाश करै तुम्‍हें द्यूत।।