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द्वन्द्व / शशिप्रकाश

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एक अमूर्त चित्र मुझे आकृष्ट कर रहा है।
एक अस्पष्ट दिशा मुझे खींच रही है ।
एक निश्चित भविष्य समकालीन अनिश्चय को जन्म दे रहा है ।
(या समकालीन अनिश्चय एक निश्चित भविष्य में ढल रहा है ?)
एक अनिश्चय मुझे निर्णायक बना रहा है ।
एक अगम्भीर हँसी मुझे रुला रही है ।

एक आत्यन्तिक दार्शनिकता मुझे हँसा रही है ।
एक अवश करने वाला प्यार मुझे चिन्तित कर रहा है ।
एक असमाप्त कथा मुझे जगा रही है ।
एक अधूरा विचार मुझे जिला रहा है ।
एक त्रासदी मुझे कुछ कहने से रोक रही है ।
एक सजग ज़िन्दगी मुझे सबसे कठिन चीज़ों पर सोचने के लिए मजबूर कर रही है ।
एक सरल राह मुझे सबसे कठिन यात्रा पर लिए जा रही है ।