Last modified on 10 जुलाई 2020, at 22:51

द्वार सजाओ / अलका वर्मा

सखी री द्वार सजाओ
दीप जलाओ
मंगल गाओ, प्रिय आनेवाले हैं।
हरसिंगार फूल बरसाओ,
कोकिला गान सुनाओ
पपीहा छेड़ो नवताल
प्रिये आनेवाले है।

जलनिधि पग धुलाओ
मौलेसरि इत्र बिखेरो,
करो मेरा श्रृंगार
प्रिय आनेवाले हैं।

पवन राह बुहारो
गुलमोहर सेज सजाओ
सखी थिरकाओ कदम
प्रिय आनेवाले है।