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"धरा-व्योम / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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उमड़े जीवन :
 
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कहीं नहीं है मरना ।
 
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'''नारा, जापान, 6 सितम्बर, 1957'''
 
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12:53, 9 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

अंकुरित धरा से क्षमा
व्योम से झरी रुपहली करुणा
सरि, सागर, सोते-निर्झर-सा
उमड़े जीवन :
कहीं नहीं है मरना ।

नारा, जापान, 6 सितम्बर, 1957