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धूपो रानी / प्रकाश मनु

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घर से निकली धूपो रानी,
झटपट उसने छतरी तानी।
बड़ी ठंड है धूपो रानी,
फिर क्यों तुमने छतरी तानी?
जब गरमी में लू चलती है,
तब करती हो आनाकानी,
कभी न तुमने छतरी तानी।
क्यों करती इतनी मनमानी,
धूपो रानी, धूपो रानी!