Changes

<Poem>
धोरां आळा देस जाग रे, ऊंठां आळा देस जाग।
छाती पर पैणा पड़्या नाग रे, धोरां आळा देस जाग।।जाग ।।
धोरां आळा देस जाग रे....
थारी आंख्यां में नाच रह्या, जंजाळ सुहाणी रातां रा
तूं कोट बणावै उण जूनोड़ै, जुग री बोदी बातां रा
रे बीत गयो सो गयो बीत, तूं उणरी कू़डी आस त्याग।त्याग ।
छाती पर पैणा....
रे उठो किसानां-मजदूरां, थे ऊंठां कसल्यो आज जीण
ईं नफाखोर अन्याय नै, करद्यो कोडी रो तीन-तीन
फण किचर काळियै सापां रो, आज मिटा दे जहर-झाग।झाग ।
छाती पर पैणा....
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,222
edits