Last modified on 4 अक्टूबर 2015, at 01:38

नई डायरी / श्रीकृष्णचंद्र तिवारी 'राष्ट्रबंधु'

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:38, 4 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीकृष्णचंद्र तिवारी 'राष्ट्रब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नई डायरी मुझे मिली है!
इसमें अपना नाम लिखूँगा
जो करने वो काम लिखूँगा,
किसने मारा किसने डाँटा
बदनामों के नाम गिनूँगा।
खुशियों की इक कली खिली है,
नई डायरी मुझे मिली है!
कार्टून हैं मुझे बनाने
हस्ताक्षर करने मनमाने,
आप अगर रुपए देंगे तो
सेठ बनेंगे जाने-माने।
भेंट दीजिए, कलम हिली है,
नई डायरी मुझे मिली है!
तेंदुलकर के छक्के पक्के
कैच कुंबले के कब कच्चे,
किया सड़क पर पूरा कब्जा
बचके चलो बोलते बच्चे।
लाई लप्पा टिली लिीली है!

-साभार: नंदन, अक्तूबर, 1999, 34