Last modified on 5 सितम्बर 2010, at 18:15

नए लहजे उगाए जाते हैं / सर्वत एम जमाल

नए लहजे उगाए जाते हैं

फिर कसीदे सुनाए जाते हैं


उस तरफ़ कुछ अछूत भी हैं मगर

पाँव किस के धुलाए जाते हैं


जो वफादार हैं वही हर बार

किस लिए आजमाए जाते हैं


कोई बंधन नहीं है, फिर भी लोग

आदतन कसमसाए जाते हैं


मुल्क में अक्लमंद हैं अब भी

कैदखानों में पाए जाते हैं


पहले मन्दिर बनाए जाते थे

आजकल मठ बनाए जाते हैं


हम ने ख़ुद को बचाया है ऐसे

जैसे पैसे बचाए जाते हैं


यह अँधेरा हमारा क्या लेगा

इस अंधेरे में साए जाते हैं