पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नकसुल्या चाऊर की खीर बनाई रे भाई
हररिया मुंगन की दार, रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
बड़ाज बनाया ओनऽ चाकी सा रे भाई
स्वारी रे पुन्नो को चाँद रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
घीव ज्यू तपायो ओनऽ आकरो रे भाई
बिजोड़ो दे रे भाई।।