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नखरेबाजी / उषा यादव

अरे-अरे, क्या करते जी,
खाने में नखरेबाजी?
सब्जी रोटी सरकाई
दाल भी तुमको न भाई,
छोड़ रहे मूली ताजी
यह कैसी नखरेबाजी?

बुरी बात मुँह बिचकाना
शुरू करो चावल खाना,
माँगो जल्दी से भाजी
बहुत हुई नखरेबाजी!
खाओ खुश होकर खिचड़ी
यह भी तो स्वादिष्ट बड़ी,
अरे दही से नाराजी
छोड़ो भी नखरेबाजी।
ठंडा शरबत पी करके
आइसक्रीम पर जी करके,
हारोगे जीती बाजी!
दुख देगी नखरेबाजी!

-साभार: नंदन, मार्च 2000, 20