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नदी उल्टी बहाने पर तुले हैं / ओम प्रकाश नदीम

नदी उल्टी बहाने पर तुले हैं ।
वो सागर को सुखाने पर तुले हैं ।

ये मौसम जाने किस आज़र की शह पर,
मुझे पत्थर बनाने पर तुले हैं ।

मिरे साए भी अपना क़द बढ़ा कर,
मुझे नीचा दिखाने पर तुले हैं ।

मुझे अपना बनाने के लिए वो,
मिरी हस्ती मिटाने पर तुले हैं ।

जहाँ गहराई बिल्कुल भी नहीं है,
वहाँ सब डूब जाने पर तुले हैं ।