Last modified on 20 मार्च 2020, at 15:31

नदी / दीपाली अग्रवाल

 नदी की तरह मोड़ दिए जाते हैं
कविता के रास्ते
अपने उद्गम में सबसे सच्ची है नदी
ठीक वैसे जैसे छोटी बच्चियां,
उड़ान पर लिखती हैं कविताएं