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नदी / देवी प्रसाद मिश्र

मैं बस में चढ़ा
मैं खिड़की से बाहर देख रहा था
बस में बहुत सारे लोग थे
लोग कण्डक्टर को बता देते थे जो उन्हें किसी स्टेशन, गाँव या कस्बे में उतार देता था
मुझसे कण्डक्टर ने पूछा कि कहाँ उतरना है तो मैंने कहा कि सुवर्णरेखा पर उतार देना।
कण्डक्टर ने कहा सुवर्णरेखा तो नदी है और ऋत्विक की फ़िल्म है
मैंने कहा मुझे नदी या ऋत्विक के पास उतार देना ।