भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नयन हँसे / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= कविता भट्ट |संग्रह= }} Category: सेदोका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
दिया जीवन -दान | दिया जीवन -दान | ||
'''करूँ अमृतपान।''' | '''करूँ अमृतपान।''' | ||
+ | 2 | ||
+ | अहो! कर्त्तव्य ! | ||
+ | विराग में खड़ा है- | ||
+ | मूक ,जड़,बधिर, | ||
+ | मद में चूर | ||
+ | '''अधिकार- मुस्काए''' | ||
+ | सिंहासन विराजे। | ||
+ | <poem> |
02:35, 17 अगस्त 2019 के समय का अवतरण
नयन हँसे
थे बीतराग कल
यों बँधे आलिंगन,
पिय नैनों ने
दिया जीवन -दान
करूँ अमृतपान।
2
अहो! कर्त्तव्य !
विराग में खड़ा है-
मूक ,जड़,बधिर,
मद में चूर
अधिकार- मुस्काए
सिंहासन विराजे।