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नया समाचार / कुमार सुरेश

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बच्चा नन्हें हाथों से छूता है

सम्भावनाओं को

चारों ओर उम्मीद

फैल जाती है

बच्चा नन्हंे होठों से पहली बार

कहता है

एक शब्द ‘माँ’

चारों ओर

माधुर्य बिखर जाता है

बच्चा संकोच से दबे स्वर में

कह देता है

पिता तुम कितने अच्छे हो

पिता को उत्साह छू लेता है

बच्चा अज्ञात और हमारे बीच

बन जाता है एक पुल

हम अमर होने लगते हैं



एक बच्चे के आगमन से अच्छा

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