Last modified on 9 मार्च 2018, at 21:18

नहि बजैछी, की बाजब हे / रूपम झा

नहि बजैछी, की बाजब हे
बहिर बौक आकाश बनल छी

आमक, नीमक गाछ शांत अछि
प्रात काल अछि पात शांत अछि
एहने दृष्य बनल अछि नित-नित
झलफल साँझ जका ओझल हम
लघुतम अंतिम साँस बनल छी

दाना चिड़ै चुनै अछि संगहि
संगही गाछक फूल खिलै अछि
मुदा एतय हम देख रहल छी
लोक-लोक सँ जरय मरै अछि
टुटल-फुटल विश्वास बनल छी

अगला-पिछला साल एक रंग
नहि देखैत छी किछु परिवर्तन
फाटल गुदरी सन लगैत अछि
आपन जीवन आनक जीवन
पतन शील इतिहास बनल छी