नहीं इनकार करना है।
नहीं तकरार करना है।।
मुहब्बत में सगर यारो।
मुझे बस प्यार करना है।।
कहीं रोड़े कहीं पत्थर।
सभी को पार करना है।।
मिले शागिर्द जब अच्छे।
उसे स्वीकार करना है।।
कसम खाऊँ निभाने की।
नयन दो चार करना है।।
नहीं इनकार करना है।
नहीं तकरार करना है।।
मुहब्बत में सगर यारो।
मुझे बस प्यार करना है।।
कहीं रोड़े कहीं पत्थर।
सभी को पार करना है।।
मिले शागिर्द जब अच्छे।
उसे स्वीकार करना है।।
कसम खाऊँ निभाने की।
नयन दो चार करना है।।