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नानी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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नानी एक कहानी कह दो।
सब कामों से निपट गई हो,
बिस्तर पर तुम सिमट गई हो,

कितने दिन से सुनी न कोई,
नानी आज कहानी कह दो।
बन कर वह शहजादा आता,
'हटो-हटो' जो कहता आता,
मिली उसे तो राजकुमारी,
पर कैसे इतना ही कह दो॥
डायन क्या होती हैं नानी?
परियाँ भी तो बड़ी सयानी,
आसमान से आतीं है न!
उनकी सारी बातें कह दी॥
क्यों मोती का बना रायता,
भूल गया मैं याद न रहता।
मेरी नानी अच्छी नानी,
उसकी एक कहानी कह दो॥