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नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको / निमाड़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नानो अम्बो नऽ गढ़ झूमको,
कुण भाई बेड़वा जाय रे।
असा नानाजी भाई पातला,
घोड़िला लिया हजार रे।
गया ते अमुक गांव का घोयरऽ,
व्हांका लोक भाग्या जाय रे।
मत भागो, मत भागो, लोग नऽ होणऽ,
हऊँ छे अमुक बैण को बीरो रे।
निकलो मोठी बैण भायरऽ
बौराजी खऽ लेवो पहेचाण रे।
ई घोड़िलो तो म्हारा बाप को,
बठणऽ वालो माड़ी-जायो रे।