भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नाप-तौल / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:26, 28 नवम्बर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पौवा सेर पसेरी जानोॅ
कीनीं-बेची जे भी लानोॅ
चालीस सेरोॅ के एक मन
खेत मेॅ उबजै बड़का धन
सौ सेरोॅ के एक क्विंटल
दस क्विंटल के पक्का टन।

नै रहलोॅ छै छोटोॅ सिक्का
बचलै तॅ एक टकिये सिक्का
कागत जे बोलै से मानोॅ
पौवा सेर पसेरी जानोॅ।