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नारी के कीर्ति महान / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

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नारी के कीर्ति महान हे हो भैया
नारी के कीर्ति महान।

दुनियाँ के सृष्टि छै वोकर्है पर टिकलो
दया आरो प्रेमो के सागर छै छिपलो
सदा, होलो छै एकरो गुणगान हे हो भैया
नारी के कीर्ति महान।

उल्टाय के देखों इतिहासो के पन्ना
देलकै नै झाँसी रानी दुश्मन के मन्ना
आरू देलकै देशो खातिर बलिदान हे हो भैया
नारी के कीर्ति महान।

भूली गेलै कलयुग में नारी के गाथा
आय फूटी रहलो छै नारी के माथा
दै छै बेवस होय के प्राण हे हो भैया
नारी के कीर्ति महान।