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ना दवा कीजये ना दुआ कीजिये / गोविन्द राकेश

ना दवा कीजये ना दुआ कीजिये
जख़्म को ना मेरे बस हरा कीजिये

आज से ही फ़िक्र क्यों मेरे कफ़न की
इस तरह ना हमें अधमरा कीजिये

कामयाबी मिले तो अकड़िए नहीं
और भी झुक के सबसे मिला कीजिए

हुक्मराँ आप हैं इसमें शक है कहाँ
पर अपने फ़राइज़ अदा कीजिये

जो मुनासिब नहीं कुछ यहाँ बोलना
आँख से तो इशारा किया कीजिये