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निज़ामुद्दीन-1 / देवी प्रसाद मिश्र

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पतली सी गली में गाय और उसकी बगल से एक औरत एक दूसरे
को लगभग छूते हुए गुज़र जा रहे हैं और दोनों ही के पेट में बच्चा
है और दोनों ही थके हुए हैं और दोनों में से किसी को घर पहुँचने
की जल्दी नहीं है और इन दोनों के बीच से एक आदमी निकल
रहा है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पुलिस का आदमी है
और लोगों पर निग़ाह रखने का काम करता है और इन तीनों के
बगल से पतंगों को लेकर तेज़ी के साथ एक लड़का निकला और
फिर बुर्के में एक औरत सामने से आती हुई दिखी जिसके पास
ये सहूलियत तो है ही कि वह जिस तरह से चाहे रो ले या कितने
भी वाहियात तरीके से हँस ले। गली में बहादुर शाह जफ़र को
गिरफ़्तार किए जाने की ख़बर नई जैसी ही है और उतनी ही नई
है बम धमाके के मामले में एक आदमी की गिरफ़्तारी की ख़बर।
कोने के रेस्तराँ में एक आदमी एक मेज़ पर कोहनी रख कर बैठा
है जिसका आमलेट उसके सामने पड़ा है। ठंडा और ख़त्म। इसका
पता हो सकता है कम को हो कि एक सुरंग खोदी गई है जिससे
होकर लोग गुजरात से निज़ामुद्दीन आया-जाया करते हैं। यह सुरंग
अंदर ही अंदर खोने और होने की तरह रही है। कई अफ़वाहें रही
हैं निजामुद्दीन के बारे में ।