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निदरिया तोही बेची जो / बघेली

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

निदरिया तोही बेची जो कोउ गाहक होउ
साजन आये लौटि गे काहे ना जगाये मोहि
निदरिया हम लेबइ जो तुम्हें बेचन होय
करा मोल निदरी कै जो तुम्हें बेचन होय