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निसि दिन नाम प्रेम धुन छाई / संत जूड़ीराम

निसि दिन नाम प्रेम धुन छाई।
भयो अडोल एक मत डोली बोल एक अनमोल कहाई।
काछो काछ नाच अब सांचो सुरत समार शबद मिल जाई।
मन की विखम कल्पना जीव की सकल सोच भ्रम दूर गमाई।
बलहारी सतगुरु चरनन की भौसागर की फंद छुड़ाई।
जूड़ीराम सकल भय नासी बैठ महल में कहल बुझाई।