नीट आँखों से जब पिलाया कर।
लब का चखना भी तो खिलाया कर।
जान ले लेंगे दो नशे मिल के,
प्यार गाँजे में मत मिलाया कर।
भाँग शरमा के मुँह छिपाती है,
इस कदर भी न खिलखिलाया कर।
जुर्म है बाँटना चरस गोरी,
यूँ न पतली कमर हिलाया कर।
प्यार की लत लगाई है तूने,
अब न बेकार तिलमिलाया कर।